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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रिककुद् ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. त्रिकूट पर्वत ।

२. विष्णु ।(विष्णु । ने एक बार वाराह का अवतार धारण किया था, इसी से उनका यह नाम पडां) ।

३. दस दिनों में होनेवाला एक प्रकार का यज्ञ ।

त्रिककुद् ^२ वि॰ जिसे तीन श्रृंग हों ।