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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्राहि अव्य॰ [सं॰] बचाओ । रक्षा करो । त्राण दो । उ॰— दारुण तप जब कियों राजसुत तब काँप्यो सुरलोक । त्राहि त्राहि हरि सौं सब भाष्यो दुर करो सब शोक । —सूर (शब्द॰) । मुहा॰—त्राहि त्राहि करना = दया या अभयदान के लिये गिड- गिडाना । दया या रक्षा के लिये प्रार्थना करना । त्राहि मचना = रक्षा के लिये चीख पुकरा होना । विपत्ति में पडे हुए लोगों के मुँह से त्राहि त्राहि की पुकार मचना । त्राहि त्राहि होना = दे॰ 'त्राहि त्राहि मचना' ।