प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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त्रायमाण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] बनफशे की तरह की एक प्रकार की लता जो जमीन पर फैलती है । विशेष—इसमें बीच बीच में छोटी छोटी डंडियाँ निकलती हैं जिनमें कसैले बीज होते हैं । इन बीजों का व्यवहार औषध में होता है । वैद्यक में इन बीजों को शीतल, दस्तावर और त्रिदोषनाशक माना है । पर्या॰— अनुजा । अवनी । गिरिजा । देवबाला । बलभद्रा । पालिनी । भयनाशिनी । रक्षिणी ।

त्रायमाण ^२ वि॰ रक्षक । रक्षा करनेवाला ।