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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्राण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. रक्षा । बचाव । हिफाजन ।

२. रक्षा का साधन । कवच । विशेष— इस अर्थ में इसका व्यवहार यौगिक शब्दों के अंत में होता है ।जैसे, पादत्राण, अंगत्राण ।

३. त्रायमाण लता ।

त्राण ^२ वि॰ जिसकी रक्षा की कई हो । रक्षित [को॰] ।