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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रसना पु † क्रि॰ अ॰ [सं॰ त्रसन] भय से काँप उठना । डरना । खौफ खाना । उ॰—(क) कछु राजत सूरज अरुन खरे । जनु लक्ष्मण के अनुराग भरे । चितवत चित्त कुमुदिनी त्रसै । चोर चकोर चिता सो लसै ।— केशव (शब्द॰) ।(ख) नवल अनंगा होय सको मुग्धा केशवदास । खेलै बोलै बाल विधि हँसै त्रसै सविलास ।—कैशव (शब्द॰) ।