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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रस ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जैन मत के अनुसार एक प्रकार के जीव । इन जीवों के चार प्रकार हैं—(क) द्वींद्रिय अर्थात् दो इंद्रियोंवाले जीव ।(ख) त्रींद्रिय अर्थात् तीन इंद्रियोंवाले जीव । (ग) चतुरिंद्रिय अर्थात् चार इंद्रियोंवाले जीव और (घ) पंचेंद्रिय अर्थात् पाँच इंद्रियोंवाले जीव ।

२. जंगल । वन ।

३. जंगम ।

४. त्रसरेणु ।

त्रस ^२ वि॰ सचल । जेगम [को॰] ।