त्रष्टा संज्ञा पुं॰ [?] दे॰ 'तष्टा' (तश्तरी) । उ॰— त्रष्टा अरु आधार भर्त के बहुत खिलौना । परिया टमरी अतरदान रुपे के सौना ।—सूदन (शब्द॰) ।