त्रभंगी पु संज्ञापुं॰ [हिं॰] दे॰ 'त्रिभंगी ^३' । उ॰—त्रभंगी छंदं पढे वु चंदं गुन वहि दंर्द गुन सोई । — पृ॰ रा॰, २४ ।२४८ ।