प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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त्रपनाना पु वि॰ [सं॰ तर्पण] तर्पण । संध्या करनेवाले । उ॰— तौ पंडित आये वेद भुलाये षटक रमाये त्रपनाये ।— सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰१, पृ॰ २३७ ।