प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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त्रपत्त पु वि॰ [हिं॰] दे॰ 'तृप्त' । उ॰— तन ग्रीध महासद मन त्रपत्त । पूरिया रहै नित सगतपत्र । —रा॰ रु॰, पृ॰ ७४ ।