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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

तृतीयक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. तीसरे दिन आनेवाला ज्वर । तिजार । यौ॰—तृतीयक ज्वर = तिजरा ।

२. तीसरी बार होनेवाली स्थिति (को॰) ।

३. तीसरा क्रम (को॰) ।