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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

तुह पु सर्ब॰ [हिं॰] दे॰ 'तुम' । उ॰—जौ तुह मिलहु प्रथम मुनीसा । सुनतिउँ सिख तुम्हारि धारि सीसा ।—मानस, १ ।८१ ।