हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

तुकबंदी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ तुक + फा़॰ बंदी]

१. तुक जोड़ने का काम । भद्दी कविता करने की क्रिया ।

२. भद्दा पद्य । भद्दी कविता । ऐसा पद्य जिसमें काव्य के गुण न हों । उ॰— बहुत दिनों के बाद आज मेरी चंद पुरानी तुकबंदियाँ संग्रह के रूप में सामने आ रही हैं ।