प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

तिरस्कार संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ तिरस्कृत]

१. अनादर । अपमान ।

२. भर्त्सना । फटकार ।

३. अनादरपूर्वक त्याग ।

४. साहित्य के अंतर्गत एक अर्थालंकार जिसमें गुणान्वित वस्तु में दुर्गुण दिखाकर उसका तिरस्कार किया जाता है । क्रि॰ प्र॰ — करना ।—होना ।