हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

तिरपाल संज्ञा पुं॰ [सं॰ तृण + हिं॰ पालन ( = बिछाना)] फूस या सरकंडों के लंबे पूले जो छाजन में खपडों के नीचे दिए जाते हैं । मुठ्ठा ।

तिरपाल ^२ संज्ञा पुं॰ [अं॰ टारपालिन] रेगन चढ़ा हुआ कनवस । राल चढ़ाया हुआ टाट ।