प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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तपस्विनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. तपस्या करनेवाली स्त्री ।

२. तपस्वी की स्त्री ।

३. पतिव्रता या सती स्त्री ।

४. जटा- मासी ।

५. वह स्त्री जो अपने पति के मरने पर केवल अपनी संतान का पालन करने के लिये सती न हो और कष्टपूर्वक अपना जीवन बितावे ।

६. दीन और दुखिया स्त्री ।

७. बड़ी गौरखमुंडी ।

८. कुटकी । कटुरोहिणी ।