तपन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनतपन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. तपने की क्रिया या भाव । ताप । जलन । आँच । दाह ।
२. सूर्य । आदित्य । रवी ।
३. सूर्य- कांत मणि । सूरजमुखी ।
४. ग्रीष्म । गरमी ।
५. एक प्रकार की अग्नि ।
६. पुराणानुसार एक नरक जिसमें जाते ही शरीर जलता है ।
७. धूप ।
८. भिलावे का पेड़ ।
९. मदार । आक ।
१०. अरनी का पेड़ ।
११. वह क्रिया या हाव भाव आदि जो नायक के वियोग में नायिका करे या दिखलावे । इसकी गणना अलंकार में की जाती है । यौ॰—तपनयौवन = सूर्य का यौवन । सूर्य की प्रखरता । उ॰—प्रखर से प्रखरतर हुआ तपनयौवन सहसा ।—अपरा, पृ॰ ६१ ।
तपन ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ तपना] तपने की क्रिया या भाव । ताप । जलन । गरमी । मुहा॰—तपन का महीना = वह महीना जिसमें गरमी खूब पड़ती हो । गरमी ।