तंतमंत पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ तन्त्रमन्त्र] दे॰ 'तत्र मंत्र' । उ॰— कइ जिउ तंत मंत सों हेरा । गएउ हिराय जो वह भा मेरा— जायसी (शब्द॰) ।