संज्ञा

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अनुवाद



प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

ढाँचा संज्ञा पुं॰ [सं॰ देश॰ या हिं॰ ठाट]

१. किसी वस्तु की रचना की प्रारंभिक अवस्था में स्थूल रूप से संयोजित अंगों की समष्टि । किसी चीज को बनाने के पहले परस्पर जोड़ जाड़कर बैठाए हुए उसके भिन्न भिन्न भाग जिनसे उस वस्तु का कुछ आकार खड़ा हो जाता है । ठाट । टट्टर । डौल । जैसे,— अभी तो इस पालकी का ढाँचा खड़ा हुआ है, तख्ते आदि नहीं जड़े गए है । क्रि॰ प्र॰—खड़ा करना ।—बनाना ।

२. भिन्न भिन्न रूपों से परस्पर इस प्रकार जोड़े हुए लकड़ी आदि के बल्ले या छड़ कि उनमें बीच में कोई वस्तु जमाई या जड़ी जा सके । जैसे, चौखटा, बिना बुनी चारपाई, कुरसी आदि ।

३. पंजर । ठटरी ।

४. चार लकड़ियों का बना हुआ वह खड़ा चोखाटा जिसमें जुलाई 'नचनी' । अटकाते हैं ।

५. रचनाप्रकार । गढ़न । बनावट । जैसे,—इस गिलास का ढाँचा बहुत इच्छा है ।

६. प्रकार । भाँति । तरह । जैसे,— वह न जाने किस ढाँचे का आदमी है ।