प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ढरका संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ढरकना]

१. आँख का एक रोग जिसमें आँख से आँसू बहा करता है ।

२. आँख से अश्रु बहना । क्रि॰ प्र॰—लगना ।

२. सिरे पर कलम की तरह छीली हुई बाँस की नली जिससे चौपायों के गले में दवा उतारते है । बाँस की नली से चौपायों के गले में दवा उतारने की क्रिया । क्रि॰ प्र॰— देना ।