डीठि † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दृष्टि] दे॰ 'डीठ' । उ॰—कोउ प्रिय रूप नयन भरि उर मैं धरि धरि ध्यावति । मधुमाखी लौ डीठि दुहूँ दिसि अति छबि पावति ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३० ।