प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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डिल्ला ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ और अंत में भगण होता है । जैसे,—राम नाम निशि वासर गावहु । जन्म लेन कर फल जग पावहु । सीख हमारी जो हिय लावहु । जन्म मरण के फद नसावहु ।

२. एक वर्णवृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में दो सगण (/?/) होते हैं । इसके अन्य नाम जिसका, तिल्ला और तिल्लाना भी हैं । जैसे,—सखि वाल खरो । शिव भाल घरो । अमरा हरषे । तिलका निरखे ।

डिल्ला ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठीला] बैलों के कंधों पर उठा हुआ कुबड़ । कुब्बा । ककुत्थ ।