प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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डिक्टेटर संज्ञा पुं॰ [अं॰]

१. वह मनुष्य जिसे कोई काम करने का पूरा अधिकार प्राप्त हो । प्रधान नेता या पथप्रदर्शक । शास्ता ।

२. वह मनुष्य जिसे शासन की अबाधित सत्ता प्राप्त हो । निरंकुश शासक । उ॰— देवता रूप वे डिक्टेटर, लोहू से जिनके हाथ सने ।— मानव॰, पृ॰ ५६ । विशेष— डिक्टेटर दो प्रकार के होते हैं— (१) राष्ट्रपक्ष का और (२) राज्य या शासनपक्ष का । जब देश में संकट उपस्थित होता है तब देश या राष्ट्र उस मनुष्य को, जिसपर उसका पूरा विश्वास होता है, पूर्ण अधिकार दे देता है की वह जो चाहे सो करे । यह व्यवस्था संकट काल के लिये है । जैसै, सं॰ १९८० —८१ में महात्मा गांधी राष्ट्र के डिक्टेटर या शास्ता थे । पर राज्य या शासनपक्ष का डिक्टेटर वही होता है जो बड़ा जबरदस्त होता है । जिसका सब लोगों पर बड़ा आतंक छाया रहता है । जैसे, किसी समय इटली का डिक्टेटर मुसोलिनी था । यौ॰— डिक्टेटरशिप = निरंकुश शासन । अधिनायकवाद ।