प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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डामर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. शिवकथित माना जानेवाला एक तंत्र जिसके छह भेद किए गए हैं— योग डामर, शिव जामर, दुर्वा डामर, सारस्वत डामर, ब्रह्मा डामर और गंधर्व डामर ।

२. हलचल । धूम ।

३. आडंबर । ठाटबाट ।

४. चमत्कार ।

५. दुर्ग के शुभाशुभ जानने के लिये बनाए जानेवाले चक्रों में से एक ।

६. क्षेत्रपाल । ४९ भैरवों में से एक ।

७. एक मिश्रित या संकर जाति ।

डामर ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. साल वृक्ष का गोंद । राल ।

२. एक प्रकार का गोंद या कहरुआ जे दक्षिण में पश्चिमी घाट के पहाड़ों पर होनेवाले एक पेड़ से निकलता है और सफेद डामर कहलाता है । दे॰ 'कहरुआ' ।

३. कहरुआ की तरह का एक प्रकार का लसीला राल या गोंद जो छोटी मधुमक्खियों के छत्ते से निकलता है ।

४. वह छोटी मधुमक्खी जो इस प्रकार का राल वनाती है ।

५. दे॰ 'डामल' ^३ ।