प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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डाँट संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दान्ति (= दमन, वश)या सं॰ दण्ड]

१. शासन । वश । दाब । दबाब । जैसे,—(क) इस लड़के को डाँठ में रखो । (ख) इस लड़कें पर किसी की डाँट नहीं है । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।—मानना ।—रखना । मुहा॰—डाँट में रखना = शासन में रखना । बश में रखना । किसी पर डाँट रखना = किसी पर शासन या दबाब रखना । डाँट पर = पालकी के कहारों की एक बोली । (जब तंग और उँचा नीचा रास्ता आगे होता है तब अगला कहार कुछ बचकर चलने के लिये कहता है 'डाँट पर') ।

२. डराने के लिये क्रोधपूर्वक कर्कश स्वर से कहा हुआ शब्द । घुड़की । डपट । क्रि॰ प्र॰—बताना ।