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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

डहडहा वि॰ [अनु॰] [वि॰ स्त्री॰ डहडही]

१. हरा भरा । ताजा । लहलहाता हुआ । जो सूखा या मुरझाया न हो । (पेड़, पैधे, फुल, पत्ते आदि) । उ॰—(क) जो काटै तो डहडही, सींचै तो कुम्हिलाय । यहि गुनवंती बेल का कुछ गुन कहा न जाय ।—कबीर (शब्द॰) ।

२. प्रफुल्लित । प्रसन्न । आनंदित । उ॰—तुम सौतिन देखत दई अपने हिय ते लाल । फिरति सबनि में डहडही वहै मरगजी बाल ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) सेवती चरन चारु सेवती हमारे जान, ह्वै रही डहडही लहि आनँद कंद को ।—देव (शब्द॰) । (ग) डहडहे इनके नैन अबहिं कतहुँ चितए हरि ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ १५ ।

३. तुरंत का । ताजा । उ॰—लहलही इंदीवर श्यामता शरीर सोही डहडही चंदन की रेखा राजै भाल में ।—रघु— राज (शब्द॰) ।