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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

डफ संज्ञा पुं॰ [अ॰ दफ़॰]

१. चमड़ा मढ़ा हुआ एक प्रकार का बड़ा बाजा जो लकड़ी से बजाया जाता है । डफला । उ॰— (क) दिन डफ ताल मृदंग बजावत गात भरत परस्पर छिन छिन होरी ।—स्वामी हरिदास (शब्द॰) । (ख) कहै पदमाकर ग्वालन के डफ बाजि उठे गलगाजत गाढ़े । —पद्माकर (शब्द॰) ।

२. लावनीबाजों का बाजा । चंग । विशेष—यह लकड़ी के गोल बड़े मेंड़रे पर चमड़ा मढ़कर बनाया जाता है । होली में इसे बजाते हुए निकलते हैं ।