डंडूल संज्ञा पुं॰ [प्रा॰ ड़ुंडुल्ल( = घूमना, चक्कर लगाना)] वात्या— चक्र । बवंडर । उ॰—कर सेती माला जपैं, ह्रिदै बहै डंड़ूल । पग तौ पाला मैं गिल्या, भाजण लागी सूल ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ४५ ।