ठोढ़ी † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰]दे॰ 'ठोडी़' । उ॰—है मुख अति छबि आगरौ, कहा सरद कौ चंद । पै हित मान समान किय तुव ठोढ़ी को बुंद ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३४८ ।