ठेका
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनठेका ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ टिकना, टेक]
१. ठेक । सहारे की वस्तु ।
२. ठहरने या रुकने की जगह । बैठक । अड्डा ।
३. तबला या ढोल बजाने की वह क्रिया जिसमें पुरे बोल न निकाले जायँ, केवल ताल दिया जाय । यह बाएँ पर बजाया जाता है । क्रि॰ प्र॰—बजाना ।—देना । मुहा॰—ठेका भरना = घोड़े का उछल कुदल करना ।
४. तबले का बायाँ । डुग्गी ।
५. कौवाली ताल ।
६. ठोकर । धक्का । थपेड़ा । उ॰—तरब तरंग गंग की राजहि उछलत छज लगि ठेका ।—ऱगुराज (शब्द॰) ।
ठेका ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठईक]
१. कुछ धन आदि के बदले में किसी के किसी काम को पुरा करने का जिम्मा । ठीका । जैसे, मकान बनावाने का ठेका । सड़क तैयार करने का ठेका ।
२. समय समय पर आमदनी देनेवाली वस्तु को कुछ काल तक के लिये इस शर्त पर दुसरे को सुपुर्द करना कि वह आमदनी वसुल करके और कुछ अपना निशिच्त मुनाफा काटकर बराबर मालिक को देता जायगा । इजारा । पट्टा । क्रि॰ प्र॰—देना ।—लेना ।—पर लेना । यौ॰—ठेका पट्टा । मुहा॰—ठेका भैंट = वह नजर जो किसी वस्तु को ठेके पर लेनेवाला मालिक को देता है ।