ठिठकना क्रि॰ अ॰ [सं॰ स्थित + करण या देश॰] १. चलते चलते एकबारगी रुक जाना । एकदम ठहर जाना । उ॰—तनिक ठिठक, कुछ मुड़कर दाएँ, देख अजिर में उनकी ओर ।—साकेत, पृ॰ ३६८ । २. अंगों की गति बंद करना । स्तंभित होना । न हिलना न डोलना । ठक रह जाना ।