प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठासा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठाँसना] लोहारों का एक औजार जिससे तंग जगह में लोहे की कोर निकालते और उभारते हैं । उ॰— देवै ठासा बेहद परै सनबाती सीका । चारि खूँट में चलै जियत एक होय रती का ।—पलटू॰ बानी, पृ॰ ११५ । यौ॰—गोल ठासा = गोल सिरे का ठासा जिससे लोहे की चद्दर को गढ़कर गोला बनाते हैं ।