ठान
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनठान ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थान, प्रा॰ ठाण, ठाणु] स्थान । ठाँव । जगह । उ॰—तब तबीब तसलीम करि, लै घरि आइ लुहान । नव दीहे सिर झल्लयो, ढँढोलन गय ठान ।—पृ॰ रा॰, ४ ।६ । (ख) राजे लोक सब कहे तू आपना ।—जब काल नहिं पाया ठाना ।—दक्खिनमी॰, पृ॰ १०४ ।
ठान ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अनुष्ठान]
१. अनुष्ठान । कार्य का आयो— जन । शुमारंभ । काम का छिड़ना ।
२. छोड़ा हुआ काम ।
ठान ^२ † संज्ञा पुं॰[हिं॰] दे॰ 'थाना' ।