प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठस्सा संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. नक्काशी बनाने की एक छोटी रुखानी ।

२. गवंपूर्णँ चेष्टा । अभिमानपूर्णँ हाव भाव । ठसक ।

३. घमंड । अहंकार ।

४. ठाट बाट । शान ।

५. ठवनि । मुद्रा । अंदाज । मुहा॰—ठस्से के साथ बैठना = घमंड के साथ बैठना । गर्व भरी मुद्रा में शान के साथ बैठना । उ॰—कोचवान भी ठस्से के साथ बैठा है ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३६ । ठस्से से रहना = ठाट बाट से रहना या जीवन बिताना । उ॰—इस ठस्से से रहती हैं कि अच्छी अच्छी रईस जातियों से टक्कर लडें ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ १ ।