ठसका संज्ञा पुं॰ [अनुध्व॰] १. वह खाँसी जिसमें कफ न निकले और गले से ठन ठन शब्द निकले । सूखी खाँसी । २. ठोकर । धक्का । क्रि॰ प्र॰—खाना ।—मारना ।—लगना ।