प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठसक संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठस]

१. अभिमानपूर्ण हाव भाव । गर्वीली चेष्टा । नखरा । जैसे,—वह बड़ी ठसक से चलती है ।

२. अभिमान । दर्प । शान । उ॰—कढ़ि गई रैयत के जिय की कसक सब मिटि गई ठसक तमाम तुरकाने की—भूषण (शब्द॰) ।