ठमक संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठमकना] १. चलते चलते ठहर जाने का भाव । रुकावट । २. चलने की ठसक । चलने में हावभाव लचक ।
ठमक † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] झोंका । उ॰—इसलिये कांग सेठानी नदी का ठमका ले रही थी ।—जनानी॰, पृ॰ ३८ ।