ठढ़िया संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठाढ़ ( = खड़ा)] १. काठ की वह ऊँची ओखली जिसमें पड़ें हुए धान को स्त्रियाँ खड़ी होकर कूटती हैं । २. मरसा नाम का शाक । ३. पशुओं का एक रोग ।