ठटरी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठाट] १. हड्डियों का डाँचा । अस्थिपंजर । मुहा॰—ठटरी होना = दुबला होना । कृशांग होना । २. घास भूसा आदि बाँधने का जाल । खरिया । खड़िया । ३. किसी वस्तु का ढाँचा । ४. मुरदा उठाने की रथी । अरथी ।