प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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टोटका संज्ञा पुं॰ [सं॰ त्रोटक]

१. किसी बाधा को दूर करने या किसी मनोरथ को सिद्ध करने के लिये कोई ऐसा प्रयोग जो किसी अलौकिक या दैवी शक्ति पर विश्वास करके किया जाय । टोना । यंत्र मंत्र । तांत्रिक प्रयोग । लटका । उ॰—तन की सुधि रहि जात जाय मन अंतै अटका । बिसरी भूख पियास किया सतगुर ने टोटका ।—पलटू॰, भा॰ १, पृ॰ ३२ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—टोटका करने आना = आकर कुछ भी न ठहरना । थोडी़ देर भी न बैठना । तुरत चला जाना । जैसे,—थोडा़ बैठो, क्या टोटका करने आई थी ? —(स्त्रि॰) । टोटका होना = किसी बात का चटपट हो जाना । किसी बात का ऐसी जल्दी हो जाना कि देखकर आश्चर्य हो ।

२. काली हाँडी़ जिसे खेतों में फसल को नजर से बचाने के लिये रखते हैं ।