प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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टोट संज्ञा पुं॰ [हिं॰]दे॰ 'टोटा' । उ॰—रोम रोम पूरि पीर, ब्याकुल सरीर महा, घूमै मति गति आसै, प्यास की न टौठ है ।—घनानंद, पृ॰ ६६ ।