प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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टापना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ टाप + ना (प्रत्य॰)]

१. घोड़ों का पैर पटकना । विशेष—प्राय: जब दाना पाने का समय होता है, तब घोड़े टाप पटककर अपनी भूख की सूचना देते हैं । इससे 'टापने' का अर्थ कभी कभी 'दाना माँगना' भी लेते हैं ।

२. टक्कर मारना । किसी वस्तु के लिये इधर उधर हैरान फिरना ।

३. व्यर्थ इधर उधर फिरना ।

४. उछलना । कूदना ।

टापना ^२ क्रि॰ स॰ कूदना । फाँदना । उछलकर लाँघना । जैसे, दीवार टापना ।

टापना ^३ क्रि॰ म॰ [सं॰ तप]

१. बिना कुछ खाए पिए पड़ा रहना । बिना दाना पानी के समय बिताना । जैसे—सबेरे से बैठे टाप रहै हैं, कोई पानी पीने को भी नहीं पूछता ।

२. ऐसी बात के आसरे में रहना जो होती हुई न दिखाई दे । व्यर्थ प्रतीक्षा करना । आशा में पड़े पड़े अद्विग्न और व्यग्र होना । जैसे,—घंटों से बैठे टाप रहे है कोई आता जाता नहीं दिखाई देता ।

३. किसी बात से निराश और दुखी होना । हाथ मलना । पछताना । जैसे,—वह चला गया, मैं टापता रह गया ।