हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

टाँट † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ टट्टी] खोपड़ी । कपाल । मुहा॰—टाँट के बाल उड़ना = (१) सिर के बाल उड़ना । (२) सर्वस्व निकल जाना । पास में कुछ न रह जाना । (३) खूब मार पड़ना । भुरकुस निकलना । टाँट के बाल उड़ाना = सिर पर खूब जूते लगाना । मारते मारते सिर पर बाल न रहने देना । टाँट खुजाना = मार खाने को जी चाहना । कोई ऐसा काम करना जिससे मार खाने की नौबत आवे । दंड पाने का काम करना । टाँट गंजी कर देना = (१) मारते मारते सिर गंजा करना । (२) खूब खर्च करवाना । खूब रुपए गलवाना । खर्च के मारे हैरान कर देना । पास का धन निकलवा देना । टाँट गंजी होना = (१) मार खाते खाते सिर गंजा होना । खूब मार पड़ना । (२) खर्च के मारे धुर्रे निकलना । खर्च करते करते पास में धन न रह जाना ।