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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

टाँगा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ टङ्ग] बड़ी कुल्हाड़ी ।

टाँगा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ टँगना] एक प्रकार की दो पहिए की गाड़ी जिसका ढाँचा इतना ढीला होता है कि वह पीछे की ओर कुछ झुका या लटका या आगे पीछे टँगा भी रहता है । ताँगा । विशेष—इस में सवारी प्राय: पीछे की ओर ही करके बैठती है और जमीन से इतने पास रहती है कि घोड़े के भड़कने आदि पर झट से जमीन पर उतर सकती है । इस गाड़ी के इधर उधर उलटने का भय भी बहुत कम रहता है । यह प्राय: पहाड़ी रास्तों के लिये बहुत उपयुक्त होती है । इसमें घोड़े या बैल दोनों जोते जाते हैं ।