प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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टहल संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ टहलना]

१. सेवा । शुश्रूषा । खिदमत । क्रि॰ प्र॰—करना । यौ॰—टहल टई= सेवा शुश्रूषा । उ॰—कभि करनी बरनिए कहाँ लौं करत फिरत नित टहल टई है ।—तुलसी (शब्द॰) । टहल टकोर = सेवा शुश्रूषा । मुहा॰—टहल बजाना = सेवा करना ।

२. नौकरी चाकरी । काम धंधा ।