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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

टप्पा संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थापन, हिं॰ थाप, टाप]

१. किसी सामने फेंकी हुई वस्तु का जाते हुए बीच बीच में भूमि का स्पर्श । उछल उछकर जाती हुई वस्तु का बीच में टिकान । जैसे,— गेंद कई टप्पे खाती हुई गई हैं । मुहा॰—टप्पा खाना= किसी फेंकी हुई वस्तु का बीच में गिरकर जमीन से छू जाना और फिर उछलकर आगे बढ़ना ।

२. उतनी दूरी जितनी दूरी पर पर कोई फेंकी हुई वस्तु जाकर पड़े । किसी फेंकी हुई चीज की पहुँच का फासला । जैसे, गोली का टप्पा ।

३. उछाल । कूद । फाँद । फलाँग । मुहा॰—टप्पा देना= लंबे लंबे डग बढ़ाना । कूदना ।

४. नियत दूरी । मुकर्रर फासला ।

५. दो स्थानों के बीच पड़ने— वाला मैदान । जैसे,—इन दोनों गाँवों के बीच में बालू का बड़ा भारी टप्पा पड़ता है ।

६. छोटा भूवि भाग जमीन का छोटा हिस्सा । परगने का हिस्सा ।

७. अंतर । बीच । फर्क । उ॰—पीपर सूना फूल बिन फल बिन सूना राय । एकाएकी मानुषा टप्पा दीया आय । कबीर (शब्द॰) । मुहा॰—टप्पा देना= अंतर डालना । फर्क डालना ।

८. दूर दूर की भद्दी सिलाई । मोटी सीवन (स्त्रि॰) । मुहा॰—टप्पे डालना, भरना, मारना= दूर दूर बखिया करना । मोटो और भद्दी सिलाई करना । लंगर डालना ।

९. पालकी ले जानेवाले कहारों की टिकान जहाँ कहार बदले जाते हैं । पालकीवालों की चौकी या डाक । †

१०. डाकखाना । पोस्ट आफिस ।

११. पाल के जोर से चलनेवाला बेड़ा ।

१२. एक प्रकार का चलता गाना जो पंजाब से चला है । †१३ एक प्रकार का ठेका जो तिलवाड़ा ताल पर बजाया जाता है ।

१४. एक प्रकार का हुक या काँटा ।