टपना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनटपना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ तपना]
१. बिना कुछ खाए पीए पड़ा रहना । बिना दाना पानी के समय काटना । जैसे,—सबेरे से पड़े टप रहे हैं; कोई पानी पीने को भी नहीं पूछता ।
२. बिना किसी कार्यसिद्धि के बैठा रहना । व्यर्थ आसरे में बैठा रहना । —(दलाल) । विशेष—दे॰ 'टापना' ।
टपना † ^२ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ टापना]
१. कूदना । उछलना । उचकना । फाँदना ।
२. जोड़ा खाना । प्रसंग करना ।
टपना ^२ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ तोपना] ढाँकना । आच्छादित करना ।