टकराना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनटकराना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ टक्कर]
१. एक वस्तु का दूसरी वस्तु से इस प्रकार वेग के साथ सहसा मिलना या छू जाना कि दोनों पर गहरा आघात पहुँचे । जोर से भिड़ना । धक्का या ठोकर लेना । जैसे,—(क) चट्टान से टकराकर नाव चूर चूर होना । (ख) अँधेरे में उसका सिर दीवार से टकरा गया । संयो॰ क्रि॰—जाना ।
२. इधर से उधर मारा फिरना । डाँवाडोल घूमना । कार्य- सिद्धि की आशा से कई स्थानों पर कई बार आना जाना । घूमना । जैसे,—उसका घर मालूम नहीं मैं कहाँ टकराता फिरूँगा ? उ॰—जँह तँह फिरत स्वान की नाई द्वार द्वार टकरात ।—सूर (शब्द॰) । मुहा॰—टकराते फिरना = मारे मारे फिरना । हैरान घूमना ।
३. लड़ाई या झगड़ा होना ।
टकराना ^२ क्रि॰ स॰
१. एक वस्तु को दूसरी वस्तु पर जोर से मारना । जोर से भिड़ाना । पटकना । मुहा॰—माथा टकराना = (१) दूसरे के पैर के पास सिर पटककर विनय करना । अत्यंत अनुनय विनय करना । (२) घोर प्रयत्न करना । सिर मारना । हैरान होना ।
२. किसी को किसी से लड़ा देना ।