टकटक पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ टकटकाना] टकटकी लगाकर देखना । एक टक देखना । उ॰—टकटक ताकि रही ठग मूरी आपा आप बिसारौ हो ।—पलटू॰ भा॰ ३, पृ॰ ८४ । क्रि॰ प्र॰—ताकना ।—देखना ।