प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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टंकन संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'टंकण' । उ॰—एक ओर कौ प्रेम, जोर करने बरजोरिए । ज्यो टंकन तैं हेम, पिघरम प्रान अकोरिए ।—ब्रज॰ ग्रं॰ १४१ ।